Para Olympians,आठ सीताम्बर (आएइने), नई दिल्ली। यदि कोई व्यक्ति किस्मत में लिखा है, तो रैंक बन सकता है और रैंक राजा। दुनिया के दूसरी तरफ जाना आसान नहीं है. जब एक ओलम्पिक को मंच पर जहां भारत कभी तकदीर की मार दी जाती है, तब कभी नियमों का उलाहना दे अपनी नाकामियां छुपाया जाता था। अपना दबदबा दुनिया के सामने पेश कर रहा है उसके मंच पर भारत। इतना है बस फर्क का?
ईश्वर ने भारत ने ओलंपिक में एक भी मेडल नहीं जीता था, ये सपना भी जोड़ा एथलेट ने पूरा किया। ओलम्पिक में इसाके सांख्य 86 थे, जबकी पेराआलम्पिक में इसाके कुल 117 सदाशयी दल उतारा था। आइए देखें, उदाहरण के लिए, बीच के पेड़ के अंतर से बीच का पेड़ कैसे बनाया जाता है।
news Para Olympians were stronger than the Olympians
टोक्यो 19 अलग-अलग देशों का घर है, जिनमें से प्रत्येक के अपने अनूठे रीति-रिवाज और परंपराएं हैं। इसके बाद से मौजुदा सरकार और भारतीयों ने खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा और प्रशिक्षण देने के लिए कई कदम उठाए। जबकि उनका हौसला अफ़जाई कर रहे हैं, दूसरे भी लगते खिलाड़ियों से बात। यह तमाम कोशिशों की जोड़ी भरती में एक बदौलत है।
मजेदार बात यह है कि इस उम्मीद पेयरा-एथलीटों से किसी ने नहीं कहा था तो उम्मीद पैराफोर्मेंस की। आप जानते हैं, जब आप बच्चे होते हैं तो ऐसा नहीं होता है। ग्रेट ब्रिटन और यूज़ का कब्ज़ा हो लेकिन भारत भी टॉप-20 में शामिल है, बस एक और तालिका पर यहाँ भी चीन।
अंत
Para Olympians,अपने नाम कर लिया है, पेरिस जोड़ीआलंपिक में भारत के खिलाड़ियों ने कुल 29 (7 स्वर्ण, 9 रजत, 13 कांस्य) अभी भी पदक आने की संभावना है। छह पदकों के साथ – एक रजत और पांच कांस्य – दूसरी तरफ पेरिस ओलंपिक में जहां भारत को सबसे ज्यादा उम्मीदें थीं।
पांच से दस प्रतिचेश खर्च जोड़ीआलंपिक पर नहीं होता है। यदि एक ओलम्पिक में 500 करोड़ हैं, तो उदाहरन के झूठ (ओलम्पिक का बजत 20-30 करोड़ है)। जोड़ियों में, मगर, जब बात दर्शPara Olympians,न की हो तो इन खुद की काबिलियत दुनिया के सामने पेश की।